रामलाला के जन्म के दिन श्री कृष्ण की बाल लीला का रसामृत प्राप्त कर श्रोता ने भरपूर आनंद उठाया

देवास। श्रीमद भागवत कथा तो भगवताचार्यों से बहुत सुनी मगर लीलामय कथा को देखने का पहला अवसर मिला देवास कि भागवत प्रेमी जनता को चैत्र नवरात्रि के पर्व पर मां कैला देवी मंदिर में सेठ मन्नूलाल गर्ग द्वारा कैला देवी मंदिर उत्सव समिति के संयोजन आयोजित लीलामृत श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर भगवताचार्य वंदना श्री ने कन्हैया की बाल लीला का बहुत ही सुंदर चित्रण किया। जिसमें नन्द का दुलार और यशोदा का वात्सल्य को प्रकट कर श्रोताओं को अश्रुपूरित कर दिया ।

भगवान शिव शकर का नारायण के बाल स्वरूप के दर्शन का दृश्य , पूतना वध,माखन चोरी की लीला , गोकुल छोड़ वृंदावन आने की कथा, गाय चराने के दृश्य में मंच पर जब कन्हैया के साथ गाय के बछड़े नाचने लगे तो इस दृश्य को देख कर जय कन्हैया लाल की शोर से सारा पंडाल गुंजाय मान होगया । यह एक आश्चर्य जनक दृश्य इस कथा में देखने को मिला। बृज की प्रसिद्ध रासलीला के कलाकारों के सुंदर अभिनय ने श्रोताओं का मन मोह लिया । सादर भजनों के साथ कलाकारों की प्रस्तुति हर प्रसंग में एक से बढ़ कर एक रही । कथा के हर दृश्य पर वंदना श्री ने कहा कि भगवान की हर लीला कलयुग के मानव के लिए संदेश है ।

गोवर्धन पूजा, जमुना नदी में कालिया नाग के मर्दन का वर्णन करते कहा कि नाग हमारे देश में रहना है तो विष त्याग ही पड़ेगा अगर यह नहीं कर सकते अपने रमन दीप पाकिस्तान चले जाओ। विधर्मी इस देश में प्रेम रहेगें तो सनातन ओर हमारा भगवान उनकी रक्षा करेगा । वरना एक योगी ने बुलडोजर शुरू कर दिया है। व्यास पीठ की पूजा गर्ग परिवार ने की। आरती में समिति संयोजक रायसिंह सेंधव, राजेश यादव, डॉ सुभाष गर्ग इंदौर, लालचंद, भागवताचार्य मनोज व्यास, बुद्धसेन पटेल, हेमन्त, गौरीशंकर इंगले ने की। पंडाल छोटा पड़ा,कथा में खड़े रहने की जगह नहीं थी।