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अपने को अपनों से जोड़ना ही रक्षाबंधन है
राखी का बंधन जिम्मेदारियों का बंधन है
जय हिन्द सखी मंडल की अनूठी पहल
देवास। भारत त्यौहारों का देश है। हमारे देश में प्रतिदिन कोई न कोई त्यौहार होता ही है। प्रत्येक त्यौहार का अपना महत्व है। मूलतः भारतीय त्यौहार विज्ञान सम्मत होते हैं। ऐसा ही एक प्रमुख त्यौहार है रक्षा बंधन का। सदियों से इस त्यौहार को उत्साहपूर्वक मनाया जाता आ रहा है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों की प्रगाढ़ता का प्रतीक रक्षा बंधन बहुआयामी त्यौहार है। राखी का धागा मात्र एक धागा नहीं है। राखी भाई-बहन के मध्य स्नेह का एक पुल है। अपने को अपनों से जोड़ना ही रक्षाबंधन है। कुछ संबंध जन्म से होतेे हैं और कुछ संबंध जन्मों की देन होते हैं। राखी का बंधन जिम्मेदारियों का बंधन है। वैसे तो शिक्षक अपने सभी विद्यार्थियों का विकास और उन्नति चाहता है किंतु आज अश्रुपूरित नयनों से जिन पितृहीन छात्राओं ने हम सभी शिक्षकों को रक्षा सूत्र से बांधा है उनके उज्जवल भविष्य के लिए अब हम सबकी जिम्मेदारियां बढ़ गयी हैं। जय हिन्द सखी मंडल की अनूठी पहल अंतर्गत महारानी चिमनाबाई शा.क.उ.मा.वि. देवास में पितृहीन छात्राओं द्वारा विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को राखी बांधकर उनसे शैक्षिक सुरक्षा का आशीर्वाद और वचन लिया। भावपूर्ण वातावरण में संपन्न इस अभिनव कार्यक्रम में आदिल पठान, पं. नरेन्द्र शर्मा, कुणाल वर्मा, मनेन्द्र मकवाना, भावना उपाध्याय, वंदना जोशी, दीपाली मिरजकर, मंजु चौधरी, स्नेहलता वर्मा, तारा राठौर, रूचिका कोठारी, रूचि सेन, वेदना चौधरी, श्रमिता नामदेव और नफीसा शेख आदि ने इन विशेष छात्राओं को संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और विद्यालय परिवार की ओर से इन सभी छात्राओं को उपहार भेंट किए।  इस अवसर पर जय हिन्द सखी मंडल की खुशी परिहार, पायल बोडाना, लक्ष्मी बाली, खुशबू चावड़ा सहित अनेक छात्राएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम व्यवस्थापक स्नेहा ठाकुर थीं। संचालन तनुश्री विश्वकर्मा ने किया तथा आभार शबाना शाह ने माना।

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