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कोई भी डिग्री व्यक्ति को प्रमाणित नहीं कर सकती योग्यता होना चाहिये दशरथ जी ने डिग्री नहीं योग्यता लेने भेजा था गुरूकुल में- सुलभ शांतु जी महाराज

देवास। आनंद भवन पेलेस पर चल रहे परम श्रध्देय संत शिरोमण श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार के सानिध्य में चार्तुमास एवं अनुष्ठान में चल रही राम कथा में भगवान राम के बाल चरित को सुनाते हुए सुलभ शातु जी महाराज ने बताया कि राजा दशरथ ने विद्याा के साथ ही गुणों को विकसीत करने के लिए अपने पुत्रों को गुरूकुल में भेजा महाराज दशरथ तो चक्रवर्ती सम्राट थे चाहते तो स्वयं की युनिवर्सिटी खोलकर डिग्री भी दे सकते थे अपने लेकिन उसके उपरांत भी उन्होंने अपने पुत्रों को गुरुकुल में शिक्षा के लिए भेजा क्योंकि डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण योग्यता है योग्यता का होना आवश्यक है भले ही नंबर कम क्यों न हो लेकिन आजकल बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का मेंटल प्रेशर होता है अच्छे नम्बर नहीं मिले तो अच्छी नोकरी नहीं मिलेगी नोकरी नहीं मिलेगी तो हम क्या करेंगे लोग क्या कहेंगे बड़ा पढ़ने वाला कोटा और दिल्ली गया था क्या हुआ क्या करके आया इस मेंटल प्रेशर में बच्चे आत्महत्या तक कर लेते है मेरा युवा भाई बहनों से आग्रह है कि मैं अपने जीवन के अनुभव से कह रहा हूं कोई भी रिजल्ट आखिरी नहीं होता अपने को मौका दे और फिर प्रयास करें हार कर भी हार नहीं मानना चाहिये और जीत के लिए फिर प्रयास करना चाहिये।

शिक्षा के साथ ही गुणों का विकास हो इसलिए राजा दशरथ जी ने गुणों को विकसित करने के लिए अपने पुत्रों को गुरू के पास भेजा ओर बताया कि विद्या का जीवन में कितना महत्व है। आज की कथा समपन के अवसर पर महाराज विक्रमसिंह पवार, वार्ड कमांक 19 के रहवासी, युवा मोर्चा के कार्यकर्ता, पुस्तक विक्रेता संघ तथा समाज के वरिष्ठजनों के हाथों रामायण जी एवं प्रभु श्री राम की आरती सम्पन्न हुई। कथा स्थल पर आज भी अभिमंत्रित रूद्राक्षों का वितरण किया गया विधायक राजमाता गायत्री राजे पवार ने बताया कि पवित्र, श्रावण मास में प्रतिदिन अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण कथा स्थल पर किया जावेगा।

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